सच्चा भक्त कौन हैl (भक्तो के प्रकार )
भगवन कृष्ण अर्जुन से कहते है केवल चार प्रकार के भक्त ही मेरा भजन करके आत्मा हित को प्राप्त होते हैं इन चारों में से प्रथम को आर्त, दूसरे को जिज्ञासु, तीसरे को अर्थाथी और चौथे को ज्ञानी के नाम से पुकारा जाता है ।
आर्त बहुत दुख के निवारण के लिए मेरा भजन करता है, दूसरा मुमुक्षु ज्ञान प्राप्ति के उद्देश्य से भजन करता है, तीसरा अर्थाथी द्रव्य आदि के लिए भजता है, परंतु चौथा तो ज्ञानी है, वह कोई कर्तव्य शेष न रहने पर भी भजन करता है, इसलिए वह ज्ञानी व्यक्ति ही मेरा सच्चा भक्त है। वह ज्ञान के प्रकाश से भेदाभेद रुपी अंधकार का नाश करके मेरे साथ ऐक्य स्थापित करके मेरे स्वरुप को प्राप्त कर लेता है, फिर भी उसकी भक्ति पूर्ववत स्थित रहती है।
No comments:
Post a Comment